आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने संसद में आज बैंकिंग प्रणाली को लेकर कई सवाल उठाये हैं. बैंकिंग बिल 2024 पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि देश में बैंकिंग प्रणाली खतरे में दिख रही है. देश के करोड़ों लोगों का सरकारी बैंकों से जुड़ा है लेकिन अब लोगों का भरोसा लड़खड़ा रहा है.
राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने बैंकों में खराब कस्टमर केयर सर्विस पर चिंता जताई और कहा कि सरकारी बैंकों में एक पासबुक अपडेट कराना भी अब बड़ी चुनौती बन गया है. छोटे मोटे काम के लिए भी बैंकों में ग्राहकों को घंटों लाइनों में खड़े रहना पड़ता है.
सांसद राघव चड्ढा ने इस दौरान बैंकों से जुड़ी कई अहम बातों की ओर सदन का ध्यान दिलाना चाहा. उनके संबोधन का सार निम्न प्रकार से है-
- ATM ज़्यादा इस्तेमाल किया तो जुर्माना! राघव चड्ढा ने बताया कैसे बैंकिंग सिस्टम आम आदमी की काट रहा है जेब.
- राघव चड्ढा ने संसद में उठाया सवाल- क्या बैंक ग्राहकों की जेब पर डाका डाल रहे हैं? बताया कैसे मिनिमम बैलेंस, एटीएम ट्रांजैक्शन,
- एसएमएस अलर्ट और स्टेटमेंट चार्ज के नाम पर बैंकों द्वारा चोरी-छिपे की जा रही है वसूली.
- सांसद राघव चड्ढा ने संसद में उठाई आम जनता की बैंकिंग समस्याओं की आवाज, कहा- लोगों का भरोसा खो रहे बैंक.
- सांसद राघव चड्ढा बोले- डाटा चोरी या जानबूझकर लीक? पूछा- हमारे नंबर और ईमेल मार्केटिंग वालों के पास कैसे पहुंचते हैं?
- राघव ने पूछा कि क्यों सबसे ज़्यादा फ्रॉड के मामले, खासतौर पर साइबर फ्रॉड, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में ही सामने आते हैं?
- राघव चड्ढा बोले- हम आज यूपीआई से गोलगप्पे खरीदते हैं, लेकिन सरकारी बैंक आज भी 90 के दशक में अटके हुए हैं.
- राघव चड्ढा ने बताया कि अपने टारगेट पूरे करने के लिए लोगों को ग़लत बीमा और इनवेस्टमेंट प्रोडक्ट्स बेचते हैं बैंक.